Showing posts with label राष्ट्र के विकास में राष्ट्रभाषा हिंदी का योगदान -part 2. Show all posts
Showing posts with label राष्ट्र के विकास में राष्ट्रभाषा हिंदी का योगदान -part 2. Show all posts

Monday 25 January 2010

राष्ट्र के विकास में राष्ट्रभाषा हिंदी का योगदान -part 2

आज के टाइम्स ऑफ़ इंडिया में एक खबर थी कि गुजरात हाई कोर्ट ने स्वीकार किया कि देश में कोई राष्ट्र भाषा नहीं है .यह खबर आप अगर विस्तार से पढना चाहते हैं तो नीचे दिए लिंक पे क्लिक कर के पढ़ सकते हैं .

 There's no national language in India: Gujarat High Courthttp://timesofindia.indiatimes.com/india/Theres-no-national-language-in-India-Gujarat-High-Court/articleshow/5496231.cms



  वैसे मैं इस  बारे में  अपने पहले वाले पोस्ट में लिख भी चुका हूँ .राष्ट्र के विकास में राष्ट्रभाषा हिंदी का योगदान -part 1.
        अब आज फिर उसी बात को आगे बढ़ाते हुए कहना चाहता हूँ कि यह सच है कि हिंदी अभी तक हमारी राष्ट्र भाषा नहीं बन पायी है ,लेकिन इसे राष्ट्रभाषा बनाने के लिए हिंदी वालों को एक नया  आन्दोलन खड़ा करना होगा .
           ऐसे में एक सवाल यह भी उठ सकता  है कि हिंदी को ही राष्ट्रभाषा का दर्जा क्यों दिया जाय ? इसके जवाब में मैं कुछ बिन्दुओं को आपके  सामने रखना चाहूँगा .इस देश की राष्ट्रभाषा हिंदी ही हो सकती है क्योंकि---
  1.  इस देश के बड़े भू भाग  पे हिंदी बोली और समझी जाती है .
  2.  इस देश में हिंदी संपर्क भाषा के रूप में कार्य करती है
  3.  हिंदी को संविधान के द्वारा राजभाषा होने का गौरव प्राप्त है
  4. व्याकरणिक दृष्टि से भी यह एक उन्नत  भाषा है
  5.  हिंदी एक रोजगारपरक भाषा है
  6.  हिंदी का क्षेत्र अन्य किसी भी  भारतीय भाषा की तुलना में अधिक व्यापक है
  7.  आजादी के साथ हमारे राष्ट्रीय नेताओं ने राष्ट्र भाषा के रूप में हिंदी की ही वकालत की
  8.  हिंदी समझने में सहज और सरल है
  9. हिंदी अघोषित रूप में राष्ट्रभाषा मानी जाती रही है
  10. हिंदी बोलने वालों की संख्या दुनिया में सबसे अधिक है
  11.  विश्व के कई देशो में हिंदी बोली और समझी जाती है
  12.  विश्व के अनेक विश्वविद्यालयों में हिंदी का अध्ययन-अध्यापन कार्य होता है
  13.  हिंदी किसी प्रांत की भाषा न हो कर राष्ट्रिय स्वरूप की भाषा है
  14. हिंदी भाषा भारतीयता की प्रतीक है .
  15.  हिंदी अनेकता में एकता का प्रतीक है .
  16.  हिंदी राष्ट्रिय चेतना की वाहक रही है .
  17.  हिंदी स्वतंत्रता संग्राम में एक महत्वपूर्ण हथियार था .
  18.  हिंदी का लचीला स्वरूप इसे  सहज विस्तार देता है .
  19.  आज हिंदी विश्व भाषा के रूप में अपनी ताकत का लोहा मनवा रही है .
  20.  आज हिंदी विश्व के सबसे बड़े बाजार की भाषा है ,इसलिए इसकी अनदेखी कोई नहीं कर सकता .
  21.  आधुनिक तकनीकों के इस युग में हिंदी भी तकनीकी रूप में ढल चुकी है .
  22.  हिंदी संवैधानिक दृष्टि से न सही  पर  व्यवहारिक दृष्टि से हमेशा से ही राष्ट्रभाषा  के रूप में जानी गयी .
  23.  हिंदी के सामान विस्तृत अन्य कोई भारतीय भाषा नहीं है .
  24.  हिंदी इस देश की आत्मा है .
  25.  हिंदी भाषा नहीं भाव है .
  26.  हिंदी इस देश को जोड़ने का काम करती है .
  27.  हिंदी इस देश की सभ्यता और संस्कृति में रची बसी  है .
  28.  तमाम भारतीय भाषों की मुखिया हिंदी ही हो सकती है .
  29.  हिंदी इस देश में अभिव्यक्ति का  सहज साधन है .
 हिंदी भारत की अखंडता की पहचान है .
                         और भी कई  बाते हिंदी के पक्ष में रखी  जा सकती हैं . लेकिन यंहा इतना पर्याप्त है. मैं हिंदी वालों से फिर कहूँगा कि हमे  हिंदी को राष्ट्रभाषा का गौरव दिलाने के लिए एक नया आन्दोलन खड़ा करना होगा . हिंदी को संविधान सम्मत राष्ट्रभाषा बनाना ही होगा .

ताशकंद शहर

 चौड़ी सड़कों से सटे बगीचों का खूबसूरत शहर ताशकंद  जहां  मैपल के पेड़ों की कतार  किसी का भी  मन मोह लें। तेज़ रफ़्तार से भागती हुई गाडियां  ...