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Tuesday 4 August 2009

राखी का स्वयंवर बनाम कमाई

राखी सावंत और विवादो का चोली -दामन का साथ है । हाल ही मे उनका नौटंकी भरा स्वयम्वर खूब चर्चित हुआ । अब कई लोग मीडिया के माध्यम से यह कहने मे लगे हैं की राखी ने जो किया वह सब पैसे और trp का खेल था ।
अगर यह सच भी है तो इसमे आश्चर्य की कोण सी बात है ? आज मीडिया के माध्यम से पैसे कमाने मे कौन नही लगा है । जिसे जन्हा मौका मिल रहा है वह कम ही तो रहा है । फ़िर क्या नेता,क्या अभिनेता और क्या हमारा मध्यम वर्गीय और उच् मध्यम वर्गीय समाज । भौतिकता के इस युग मे जो नही कमा रहा वह मूर्ख माना जाता है । राखी समाज की इस सच्चाई से बखूबी वाकिफ हैं, साथ ही उसने गरीबी को भी बहुत करीब से देखा है , इस लिए वह हेर कीमत पे कमाना चाहती है , आप उसे आदर्शो की चासनी मत चटाओ । नही तो वह आप को ठेंगा दिखा देगी । वह वक्त की नब्ज को समझ कर सही तरीके से आगे बढ़ रही है ,आप की नैतिकता उसे दो वक्त की दाल-रोटी भी नही दिला सकती ।
फ़िर वह कोन से दंगे-फसाद करा रही है , कौन सा बम ब्लास्ट करा रही है , कोन सी आतंकवादी गतिविधि कर रही है , कहा जनता को धोखा दे कर अपनी तिजोरी भर रही है ? वह तो बस वही कर रही है जो इस देश की जनता सदियों से चाहती रही है --तमाशा ।
इस देश के लोंगो को हमेशा ही तमासे मे मजा आता रहा , दूसरो पर हंसना इनका शौख रहा है । अपने दामन को पाक-साफ़ बतला कर दूसरो पे कीचड उछालना इन्हे पसंद रहा है। राखी ने अपनी नकारात्मक स्थिति को ही सकारात्मक रूप मे बदल लिया है । इस लिए राखी सावंत को दोष देने से अच्छा होगा की हम अपनी मानसिकता को बदलने का प्रयास करे ।

ताशकंद शहर

 चौड़ी सड़कों से सटे बगीचों का खूबसूरत शहर ताशकंद  जहां  मैपल के पेड़ों की कतार  किसी का भी  मन मोह लें। तेज़ रफ़्तार से भागती हुई गाडियां  ...