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Thursday 17 July 2014

मेरे यार का इक़रार अभी बाकी है ।

हमारी कोशिशों का असर अभी बाकी है 
कि उनके गुरूर में कसर अभी बाकी है । 

मैं इस पड़ाव पर आकार खुश तो हूँ 
पर मेरी मंजिल का सफ़र अभी बाकी है । 

मैं हूँ ख़ानाबदोश जिसकी तलाश में
वो मेरा दिलकश हमसफर अभी बाकी है ।

मैं तो कह के बैठा हूँ दिल कि बात
पर मेरे यार का इक़रार अभी बाकी है ।

ताशकंद शहर

 चौड़ी सड़कों से सटे बगीचों का खूबसूरत शहर ताशकंद  जहां  मैपल के पेड़ों की कतार  किसी का भी  मन मोह लें। तेज़ रफ़्तार से भागती हुई गाडियां  ...