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Sunday 3 June 2012

केदारनाथ अग्रवाल के समग्र साहित्य को ऑनलाईन कर दिया है ।

http://www.hindisamay.com/writer/writer_details.aspx?id=1179 
केदारनाथ अग्रवाल



महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा  ने अपने वेबसाइट हिंदीसमय (hindisamay.com) पर केदारनाथ अग्रवाल के समग्र साहित्य को ऑनलाईन कर दिया है 

केदारनाथ अग्रवाल
जन्म
01 अप्रैल 1911 ग्राम कामासिन, जिला बाँदा, उत्तर प्रदेश
भाषा
हिंदी
विधाएँ
कविता, आलोचना, संस्मरण, पत्र
मुख्य कृतियाँ
कविता संग्रह : युग की गंगा, फूल नहीं रंग बोलते हैं, पंख और पतवार, गुलमेंहदी,  हे मेरी तुम!, बोले बोल अबोल, मार प्यार की थापें, अपूर्वा, अनहारी हरियाली, आग का आइना, आत्मगंध, खुली आँखें खुले डैने, पुष्प दीप और बंबई का रक्त स्नान (आल्हा)। कहें केदार खरी खरी, कुहकी कोयल, खड़े पेड़ की देह, जमुन जल तुम, जो शिलाएँ तोड़ते हैं, वसंत में प्रसन्न हुई पृथ्वी (सभी अशोक त्रिपाठी के संपादन में)
आलोचना : विचार बोध, विवेक विवेचना, समय समय पर
संस्मरण : बस्ती खिले गुलाबों की (रूस यात्रा के संस्मरण)
पत्र : मित्र संवाद - 1, मित्र संवाद - 2 (केदारनाथ अग्रवाल और रामविलास शर्मा के पत्रों का संकलन)
अनुवाद : देश-देश की कविता (पाब्लो नेरूदा और अन्य कवियों की कविताओं के अनुवाद)
सम्मान
साहित्य अकादमी पुरस्कार (1986 - कविता संग्रह 'अपूर्वा' के लिए)
निधन
22 जून 2000

ताशकंद शहर

 चौड़ी सड़कों से सटे बगीचों का खूबसूरत शहर ताशकंद  जहां  मैपल के पेड़ों की कतार  किसी का भी  मन मोह लें। तेज़ रफ़्तार से भागती हुई गाडियां  ...