Showing posts with label मणिकर्णिका. Show all posts
Showing posts with label मणिकर्णिका. Show all posts

Tuesday 11 August 2015

मणिकर्णिका

मणिकर्णिका

मणिकर्णिका घाट को
जाने वाली
गली पर
मुड़ते ही
आश्चर्य
इस बात का
कि
यहाँ किसी को
कोई आश्चर्य नहीं होता
मृत्यु पर भी नहीं ।

गली के दोनों तरफ़
वैसे ही दुकाने सजी हैं
जैसे कि
बनारस के
किसी अन्य घाट पर ।

मिठाई,चाय-नमकीन के बीच
पानवाले भी ।
सब्जी,किराना और
कपड़ों के साथ
कफ़न और लकड़ी भी ।

राम नाम सत्य है
के घोष के साथ
लाशों का आना
नियमित
निश्चित
और निरंतरता के साथ ।

यहाँ लाशों का आना
आश्वस्त करता है
इस मरघट के
व्यापार को
व्यापारी खुश हैं कि
एक और आया ।


गंदगी
सीलन
धुएँ और आँच से सनी
यह मोक्ष दायनी
अपने आप में
विलक्षण है ।

नीचे मिट्टी पर सजी चिता
राजा की चौकी की चिता
ऊपर सबसे ऊपर भी चिता
बस चिता ही चिता
चिंता बस इतनी कि
जलने में अभी
कितना और समय ?

क्योंकि पास की
कचौड़ी गली
खोआ गली
और शुद्ध देशी घी के
विज्ञापन वाली
न जाने कितनी दुकाने
याद हैं
उन सभी को
जो अपने किसी को
जलाकर
मुक्त होने के भाव से
भर चुके हैं
और जल्द से जल्द
सिंधिया घाट पर
गंगा नहा
पवित्र हो
शुद्ध देशी घी वाली
मिठाई चाह रहे हैं ।

यह मणिकर्णिका
बनारस को
महा शमशान बनाती है
मोक्ष देती मुर्दों को
तो पुरे बनारस के
पंडे -पुरोहितों को
आश्वश्त करती
जीवन पर्यंत
जीविकोपार्जन क़ी
निश्चिन्तता के प्रति ।

यहाँ संकट हरने के लिए
संकट मोचन
अन्न की निरंतरता के लिए
माँ अन्नपूर्णा
और देवाधिदेव
महादेव स्वयं
आश्वस्त किये हैं
धर्म के कर्म
और कर्म के रूप में
शाश्वत,सनातन
परंपरा और प्रतिष्ठा के
अनुपालन के प्रति ।

सच कहूँ तो
पालन ही ज़रूरी
धर्म के कर्म से
या फ़िर
कर्म के धर्म से ।

मणिकर्णिका
सजती रहे
सँवरती रहे
और
राम नाम सत्य है
इस गूँज के साथ
पालती रहे
पोसती रहे
और देती रहे
मोक्ष भी ।

जीवन और मरण के
रहस्य को
इतनी सहजता से
कोई और
नहीं समझा सकता
जैसे कि
समझाती है
यह मणिकर्णिका ।

यहाँ मृत्यु
एक उत्सव है
संस्कार है
परिष्कार है
और है
जीवन के लिये
हर रूप में
उत्सवधर्मी होने का संदेश ।

आध्यात्म और दर्शन
यहाँ
डोमों के हाँथ के बाँस से
पिटते रहते हैं
और आश्चर्य
समृद्ध भी होते रहते हैं
और
होते रहेंगे
हमेशा ।
             -- मनीष कुमार
                  B H U

ताशकंद शहर

 चौड़ी सड़कों से सटे बगीचों का खूबसूरत शहर ताशकंद  जहां  मैपल के पेड़ों की कतार  किसी का भी  मन मोह लें। तेज़ रफ़्तार से भागती हुई गाडियां  ...