नव वर्ष की पूर्व संध्या पर ********************
नए साल का आगमन होने ही वाला है .इन्टरनेट पे हर जगह नए साल को मनाने की तैयारियों को ले कर चर्चा चल रही है .कुल मिलाकर शराब,लडकियां और नाच-गाने का ही जोर चारों तरफ है . ऐसे में एक सवाल मेरे मन में उठता है कि क्या भारत जैसे देश में इस तरह से नव वर्ष का स्वागत योग्य है ?
भारत जन्हा कि ७०% आबादी गाँवों की है , जन्हा देश का बड़ा हिस्सा गरीबी रेखा के नीचे जीवन जी रहा है .जहा एक बड़ी आबादी बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रही हो, वंहा नव वर्ष का स्वागत कैसे होना चाहिए ?
आप यह मत सोचिये की मैं आप को कोई सन्देश दे रहा हूँ और आप की शाम खराब कर रहा हूँ . मैं तो बस इतना चाहता हूँ की आप इस बात पे पूरी ईमानदारी के साथ सोंचे .
अंत में बस इतना ही की
नव वर्ष की शुभ कामनाए
२०१० आप के लिए मंगलमय हो .
Showing posts with label नव वर्ष की पूर्व संध्या पर. Show all posts
Showing posts with label नव वर्ष की पूर्व संध्या पर. Show all posts
Thursday 31 December 2009
Subscribe to:
Posts (Atom)
ताशकंद शहर
चौड़ी सड़कों से सटे बगीचों का खूबसूरत शहर ताशकंद जहां मैपल के पेड़ों की कतार किसी का भी मन मोह लें। तेज़ रफ़्तार से भागती हुई गाडियां ...
-
अमरकांत की कहानी -डिप्टी कलक्टरी :- 'डिप्टी कलक्टरी` अमरकांत की प्रमुख कहानियों में से एक है। अमरकांत स्वयं इस कहानी के बार...
-
अमरकांत की कहानी -जिन्दगी और जोक : 'जिंदगी और जोक` रजुआ नाम एक भिखमंगे व्यक्ति की कहानी है। जिसे लेखक ने मुहल्ले में आते-ज...