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Wednesday 25 July 2012

तेरी आरजू मुझको,









तेरी आरजू मुझको,


तुझ तक, खींच  ही  लाती है । 


आखिर तेरी बात , वो बात नहीं ,


जो कि भूल जाती है । 

ताशकंद शहर

 चौड़ी सड़कों से सटे बगीचों का खूबसूरत शहर ताशकंद  जहां  मैपल के पेड़ों की कतार  किसी का भी  मन मोह लें। तेज़ रफ़्तार से भागती हुई गाडियां  ...