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Saturday 10 March 2012

जितना तनहा रहा

जितना तनहा रहा, उतना तेरे साथ रहा
 वरना कब मेरे हांथ में , तेरा हांथ रहा ।

दुश्वारियों के बीच, मुकद्दर बनाता रहा 
 तब तलक,  जब तक कि तेरा साथ रहा ।

ताशकंद शहर

 चौड़ी सड़कों से सटे बगीचों का खूबसूरत शहर ताशकंद  जहां  मैपल के पेड़ों की कतार  किसी का भी  मन मोह लें। तेज़ रफ़्तार से भागती हुई गाडियां  ...