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Saturday 24 April 2010

अमरकांत क़ी कहानी देश के लोग और जोकर

अमरकांत क़ी कहानी देश के लोग और जोकर   :-
      'देश के लोग` कहानी अखिल नामक युवक के विचारों के आस-पास घूमती है। रात को रिक्शे पर से घर की तरफ आते समय उसके बगल में जो व्यक्ति बैठा है उसे आखिल हीन भाव से देखता है। वह सहयात्री के सीधे मुँह बात तक नहीं करता। अपने ही खयालों में डूबा रहात है। उसे बार-बार मोहन से हुई वार्तालाप याद आ रही थी। उसे यह बात बहुत संतोष प्रदान कर रही थी कि उसने यह बात मोहन से मनवा ही ली थी कि इस देश के लोग कातिल और कामचोर है। इसी कारण इस देश में न कोई अच्छा कलाकार है, न कोई अच्छा वैज्ञानिक है, न अच्छी शासन व्यवस्था है और न ही अच्छे नागरिक हैं।
      वह यह सब सोच रहा था कि चौराहा आ गया। उसने पैसे दिये और कुछ आगे बढ़ा ही था कि उसका सहयात्री सड़क पर गिर पडा। लोगों की भीड़ उसके आस-पास जमा हो गई। वह खून की कै कर रहा था। इसी बीच वह बेहोश होकर एक तरह लुढ़क गया।
      अखिल यह सब देखकर पलभर पश्चाताप करने लगा। फिर सोचा कि अगर वह उस सहयात्री से अच्छे से बात कर भी लेता तो इसके उसके (सहयात्री के) स्वास्थ पर क्या फरक पड़ता? मौत सबकी होती है? इसमें खास क्या है? सबकी अपनी-अपनी किस्मत है।
      वह पुन: अपने विचारों में खोता हुआ वहाँ से चला जाता है।
11) जोकर :-
      जोकर कहानी नलिन नामक व्यक्ति की मानसिक दशाओं का चित्रण मात्र है। जिनके आधार पर नलिन के बारे में कोई निश्चित राय कायम नहीं की जा सकती। शायद इसीलिए अमरकांत ने इस कहानी का शीर्षक 'जोकर` रखा।
      नलिन भाई पहले तो शादी के विरोधी थे, पर अचानक उनके मित्रों को पता चलता है कि उन्होंने शादी कर ली। शादी के बाद उनके बात-व्यवहार में मित्रों ने बड़ा परिवर्तन महसूस किया। पहली पत्नी के बिमारी और फिर उसकी मृत्यु के बाद उनका व्यवहार पुन: बदल गया। दुबारा शादी न करने की बात वे हर किसी से मिलने पर स्वत: करते थे। लेकिन वे दूसरी शादी कर लेते हैं। अब अधिक गंभीर रहने लगे थे नलिन भाई।
      एक दिन वे लेखक के घर आते हैं और उनकी पत्नी तथा सुंदर साली को देखकर लेखक को बहुत भाग्यशाली कहते हैं। परंतु दूसरे दिन से लेखक से बात ही करना छोड देते है। लेखक उनके व्यवहार को समझ नहीं पाते है। पर नलिन भाई ऐसे ही विचित्र जीव थे। उनका व्यवहार किस बात पर बदल जायेगा यह कोई बता नहीं पाता।
     
 

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