ON LINE HINDI JOURNAL
ONLINE HINDI JOURNAL
Sunday 22 July 2012
अपनी ही निगाह में गिरने लगा हूँ
अपनी ही निगाह में गिरने लगा हूँ
अब जब कि तुझे भूलने लगा हूँ ।
No comments:
Post a Comment
Share Your Views on this..
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
एक दिवसीय राष्ट्रीय परिसंवाद - उज्बेकिस्तान में हिन्दी : दशा और दिशा
अमरकांत की कहानी -डिप्टी कलक्टरी
अमरकांत की कहानी -डिप्टी कलक्टरी :- 'डिप्टी कलक्टरी` अमरकांत की प्रमुख कहानियों में से एक है। अमरकांत स्वयं इस कहानी के बार...
यूं.जी. सी . का तुगलकी फरमान ,जागो इंडिया जागो
मै बार -बार university grant commission के उस फैसले के ख़िलाफ़ आवाज उठा रहा हूँ ,जिसमे वे एक बार M.PHIL/Ph.D वालो को योग्य तो कभी अयोग्य बता...
No comments:
Post a Comment
Share Your Views on this..