Sunday 6 March 2011

हम लोगों को छोड़ कँही, चले गए हैं बाबू जी


 हम लोगों को छोड़ कँही, चले गए हैं बाबू जी 
सब  कहते हैं नहीं रहे अब, प्यारे हमारे बाबू जी .

बचपन क़ी सारी यादों में, बसे हुवे हैं बाबू जी
डांट-डपटकर सिखलाते थे, अच्छी बातें बाबू जी .

अपने ''चेतक '' स्कूटर पर,कालेज जाते बाबू जी
धोती- कुरते में जचते ,बहुत ही अपने बाबू जी .

पंचतंत्र क़ी कई कहानियां,बतलाते थे बाबू जी
कवितायेँ भी कई हमे, सिखलाते थे बाबू जी

संध्या-वंदन -पूजा-पाठ, मंदिर में करते बाबू जी
गाँव  में सब का ही आदर,पाते हमारे बाबू जी

पान-सुपारी-सुरती-चूना, चाव से  खाते बाबू जी
''बी.बी.सी. लंदन क़ी खबरें '', सुनकर ही सोते बाबू जी

गलती  हमसे जब हो जाती, डांट लगाते बाबू जी
वरना  अपनी ही थाली में, हमे खिलाते बाबू जी

रोज रात को बड़े प्यार से, बदन मिजवाते बाबू जी
रह- रह कर  आशीष भी देते,अक्सर हमको बाबू जी

जब भी हम सब गाँव में जाते, खुश हो जाते बाबू जी
 रोज रात को पास ही अपने, हमे सुलाते बाबू जी
 
सुबह-सुबह दातून तोडकर,हमको देते बाबू जी
खेतों  में टहलाते हमको, साथ में अपने बाबू जी

''बड़का मास्टर'' सब थे कहते, हम कहते थे बाबू जी
घर के बाहर ,घर के रक्षक ,बन के बैठते बाबू जी

अब जब भी हम गाँव जायेंगे,नहीं मिलेंगे बाबू जी
जाते-जाते रुला गएँ हैं,सब को देखो बाबू जी

 जिम्मेदारी का मतलब, सिखा गए हैं बाबू जी
हम-सब क़ी ही यादों में, बसे रहेंगे बाबू जी

अच्छी सारी बातों पर, मुस्कायेंगे बाबू जी
 अपनी बगिया के फूलों को, आशीष ही देंगे बाबू जी 


हर मुश्किल में सपनो में, आ जायेंगे बाबू जी
 सही राह दिखलाकर हमको, खो जायेंगे बाबू जी

बिना आप के जी लेंगे,हम सब भी आखिर बाबू जी
 लेकिन याद बहुत आयेंगे, आप हमे तो बाबू जी . 
LOVE YOU BABOO JI !!

MISS YOU !!


०२ मार्च २०११  की रात को मेरे बाबूजी  हमे अकेला छोड़ कर चले गए. उन्ही को याद करते हुवे  ---------------------------------------------

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