Thursday 21 October 2010

ढूंढ़ रहे हैं अहसास उन अहसासों की गरिमा को ,

ढूंढ़ रहे हैं अहसास उन अहसासों की गरिमा को ,
तड़प रही है मेरी प्यास प्यास तेरी गरिमा को ,

दिल उद्विग्न मन आच्छादित काली घटा के साये से ,
विरह वेदना विचलित बंधन गुह्य प्यार क्रंदित तन से
असमंजित भाव विकल ध्यान अनुसंशित सामाजिक मानो से
दृग से आंसू धड़कन कम्पित विपन्न बना मन आशों से

ढूंढ़ रहे हैं अहसास उन अहसासों की गरिमा को ,

तड़प रही है मेरी प्यास प्यास तेरी गरिमा को ,





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