Tuesday 5 October 2010

बहक जाये गर तमन्ना तेरी आगे बढकर गले लगा लेना

unशिकायत हो तो कह देना 
अरमानो की बगावत हो तो कह देना 
अदावतों से डरते नहीं सपने कभी 
दिल में चाहत हो तो कह देना 
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मोहब्बत में इंतजार भी मजा देता है 
दूरियों का करार भी मजा देता है 
पास आने को दिल झिझकता  है कभी
मिलने को मचलता हो दिल तो कह देना

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मेरी मोहब्बत से हो नफ़रत तो बड़ा लेना
मेरी चाहत से हो अदावत तो बचा  लेना 
जीत लूँगा हर अड़चन को अपनी मोहब्बत से 
बहके तमन्ना तो  कह देना    

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