Tuesday 29 June 2010

टूटता दिल आवाज क्या करता

टूटता दिल आवाज क्या करता ,

बहते आंसुओं को हिसाब क्या कहता ;

मचला तो था मेरा भी जिगर कभी ,

उसकी बेवफाई का जवाब क्या कहता /

1 comment:

  1. very nice poems all r heart touching

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