Monday 19 April 2010

उसमे नहाया मै इकलौता गुनाहगार नहीं /

.
मेरे इश्क से तुझे इत्तफाक नहीं ,
मेरे जलते ह्रदय का तू आफ़ताब नहीं ;
बह रही है प्यार की गंगा जों तेरे नश नश में ;
उसमे नहाया मै इकलौता गुनाहगार नहीं /
  
.

No comments:

Post a Comment

Share Your Views on this..