Monday 26 April 2010

तुम तो बिना मोहब्बत मिलने की बात कहते हो /

मैखाने से बिना पिए निकलने की बात कहते हो ;
मंदिर में बिन भावों के जाने की बात कहते हो ;
उफनती नदी में तिनके का सहारा छोड़ भी दूँ ;
तुम तो बिना मोहब्बत मिलने की बात कहते हो /
  

No comments:

Post a Comment

Share Your Views on this..

उज़्बेकी कोक समसा / समोसा

 यह है कोक समसा/ समोसा। इसमें हरी सब्जी भरी होती है और इसे तंदूर में सेकते हैं। मसाला और मिर्च बिलकुल नहीं होता, इसलिए मैंने शेंगदाने और मिर...