Friday 12 March 2010

हास्य-व्यंग कवि -सुनील पाठक ''सांवरा''

हास्य-व्यंग कवि -सुनील पाठक ''सांवरा''
 ********************************
       आज-कल आप यह चेहरा अक्सर टी.वी.में देखते होंगे. हास्य-व्यंग कवि के रूप में सुनील आज किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं. टी.वी. के ग्रेट इंडियन लाफ्टर चैलेन्ज से सुनील ने अपनी कामयाबी क़ि जो इबारत लिखनी शुरू क़ि वो बदस्तुर जारी है.
            मैंने सुनील से एक दिन पूछा क़ि भाई आप तो इलाहाबाद के पाठक हो तो फिर,सांवरा नाम क्यों रखा ? इसका जवाब भी सुनील ने मजाकिया  अंदाज में दिया .उन्होंने कहा क़ि -''जब से इलाहबाद के आई.जी. पांडा अपने आप को राधा मानने लगे ,तब से मैं भी सांवरा (कृष्ण ) हो गया हूँ .

No comments:

Post a Comment

Share Your Views on this..