Saturday 30 January 2010

तुझे चाहा मगर कह नहीं पाया यारा

तुझे चाहा मगर   कह नहीं पाया यारा 
 अपना हो कर भी रह गया पराया यारा 
 
 पास था यूँ तो तेरे बहुत लेकिन,
 प्यासा मैं दरिया पे भी रह गया यारा .

जिन्दा हूँ सब ये समझते हैं लेकिन,
मुझे मरे तो जमाना हो गया यारा .
  
 अब आवाज  भी लंगाऊं तो किसको,
 मेरा अपना तो कोई ना रहा यारा.

 सालों से  तेरी यादों से ही ,
 मैंने खुद को ही  जलाया यारा  .

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