ON LINE HINDI JOURNAL
ONLINE HINDI JOURNAL
Saturday 19 December 2009
कभी तो चाहत को आवाज दे देते /
कभी तो चाहत को आवाज दे देते ,
कभी तो सपनों का साथ दे देते ;
प्यार पे बस नहीं सच है मगर ;
कभी तो इरादों को आधार दे देते ;
लबों की लालिमा बडाना है ,
बदन को होठों से सजाना है ;
भींच ले वो मुझे अपने सिने में ,
उनके अहसासों को ऐसे मनाना है /
No comments:
Post a Comment
Share Your Views on this..
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
एक दिवसीय राष्ट्रीय परिसंवाद - उज्बेकिस्तान में हिन्दी : दशा और दिशा
अमरकांत की कहानी -डिप्टी कलक्टरी
अमरकांत की कहानी -डिप्टी कलक्टरी :- 'डिप्टी कलक्टरी` अमरकांत की प्रमुख कहानियों में से एक है। अमरकांत स्वयं इस कहानी के बार...
यूं.जी. सी . का तुगलकी फरमान ,जागो इंडिया जागो
मै बार -बार university grant commission के उस फैसले के ख़िलाफ़ आवाज उठा रहा हूँ ,जिसमे वे एक बार M.PHIL/Ph.D वालो को योग्य तो कभी अयोग्य बता...
No comments:
Post a Comment
Share Your Views on this..