Sunday 13 September 2009

अक्स आखों से दिल में उतर गया ;

अक्स आखों से दिल में उतर गया ;

आंसू दिल का आखों से गुजर गया ;

तेरी अदावत का लुत्फ़ भी ले लेते लेकिन ;

न जाने क्यूँ तेरा दिल बाँहों में पिघल गया ;

तू गैर की है यकीं है मुझे ;

मुझे देख के तेरा आंसू निकल गया ;

तेरी मोहब्बत से गुरेज करूँ कैसे ;

मेरे पास आते ही तेरा अरमां मचल गया ;

क्या करूँ अपने भावों का मै ;

मेरा हर लम्हा तुझमे सिमट गया /

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