Friday 24 April 2009

कथाकार फणीश्वर नाथ रेणु

कथाकार फणीश्वर नाथ रेणु जी ने लिखना तो १९४५ से ही शुरू कर दिया था । लेकिन साहित्य जगत में उनकी पहचान १९५४ में प्रकाशित उनके उपन्यास ''मैला आँचल '' से हुई । इस उपन्यास ने हिन्दी समीक्षा के नए मापदंड सामने लाये । आंचलिक उपन्यासों पर नई बहस इसी उपन्यास के माध्यम से शुरू होती है । इस उपन्यास में पुर्णिया जिले के मेरीगंज का जिक्र है । जन्हा की पूरी आंचलिकता उपन्यास में विस्तार से चित्त्रित है । उपन्यास किसी एक मुख्य पात्र पर केन्द्रित ना हो कर एक अंचल विशेष पर केन्द्रित है । इस उपन्यास का नायक यंहा पे वर्णित अंचल ही है ।
आप ने कुल ६ उपन्यास लिखे जिनमे मैला आँचल , परती परिकथा ,कितने चौराहे और जुलूस प्रमुख है । आप ने उपन्यासों के अलावा कहानी .रिपोर्ताज ,संस्मरण आदि भी लिखे । लेकिन एक उपन्यासकार के तौर पे आप को अधिक ख्याति मिली ।
कथाकार फणीश्वर नाथ रेणु जी के जीवन का सामान्य परिचय निम्नलिखित लिंक पर पढ़ा जा सकता है ।

1 comment:

  1. रेनू जी लब्ध प्रतिष्ठीत कथाकार हें ...इनमें से कई लोगों ने उनके उपन्यासों का नाम जरूर सुना है लेकिन पढा कम ही लोगों ने होगा ....परती परिकथा ..उनके श्रेष्ठ उपन्यासों मैं से एक है ..सम्भव हो तो इसीका साप्ताहिक अंश पढ़वादें..इस तरह कम समय मैं सभी इसका आनंद ले पायेंगे ...

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