Friday 10 April 2009

नीरधि अधर अधिर हैं तेरे ----------------

नीरधि अधर अधिर हैं तेरे
अब बरसे की तब बरसे
नीरव नीरस जीवन मेरा
कर दो मेरा उद्धार प्रिये ।

प्यास मिटेगी जब मेरी
तुझको भी होगा आनंद
एक -दूजे के पूरक हैं हम,
एक-दूजे से पूर्ण प्रिये ।

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