Tuesday 21 April 2009

कोई बहुत याद आ रहा है ----------------------------

कोई बहुत याद आ रहा है

मुझे अपने पास बुला रहा है ।



हर पल खयालो में आकर,

GAM JUDAAI KA BADHA REHA HAI ।



USKAY HAANTH MEI HAI MERI DOR,

CHAAH REHA JAISAY VAISAY NACHA REHA HAI .



MAINAY TO MANAA KIYA LEKIN,

SHAAKI JAAM PAY JAAM PILA REHA HAI ।



MILNAY PAR AB PAHCHAANTA NAHI,

VAH IS TARAH MUJHAY JALAA REHA HAI ।



KUCHH RAB NAY THAAN RAKHI HAI SAAYAD,

BAAR-BAAR UNHI SAY MILA REHA HAI ।

2 comments:

  1. मनीष जी, आपकी देवनागरी और रोमन घालमेल हो गई है. मुझे लगता है कि आपने कैप्स में लिखा है इसलिए?

    बाकी बढ़िया ग़ज़ल है

    ReplyDelete

Share Your Views on this..

उज़्बेकी कोक समसा / समोसा

 यह है कोक समसा/ समोसा। इसमें हरी सब्जी भरी होती है और इसे तंदूर में सेकते हैं। मसाला और मिर्च बिलकुल नहीं होता, इसलिए मैंने शेंगदाने और मिर...