Saturday 31 January 2009

हंगामा है क्यों बरपा -----------

पब कल्चर का विरोध अब चुनाव का मुद्दा बन रहा है । वो भी मुंबई और बंगलोर जैसे शहरो के नाम पे । हम तरक्की तो चाहते है लेकिन सडी गली विचार धारा को भी नही छोडना चाहते । जब भारत मे पूजी आती है ,विदेशी आते हैं तो हमे अच्छा लगता है ,लेकिन इनके साथ आने वाली संस्कृति को हम बरदास नही कर पाते ।
ये दो तरफी चाल बड़ी भयानक है । हमे इस पे सोचना ही होगा ।

2 comments:

  1. ji han manish ji aapne sahi kaha. aik taraf videshiyon se khush hote hain aur doosri taraf unke culture par hangame bhi hote rahte hain.

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  2. Aapne kaha ye gambhita se sochne wali bat hai .....ya na bhi soche to bhi sanskriti to bdal hi rahi hai...!

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